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परमात्मा

नवीन कुमार झा
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 *शतं विहाय भोक्तव्यं सहस्रं स्नानमाचरेत्।*
*लक्षं विहाय दातव्यं कोटिं त्यक्त्वा हरिं भजेत्।।*

सौ कार्य को छोड़कर भोजन करना चाहिए।
हजारों कार्य को छोड़कर स्नान करना चाहिए।
लाखों कार्य को छोड़कर दान देना चाहिए।
औरकरोड़ों कार्य को छोड़कर परमात्मा की
स्तुति करनी चाहिए।


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