*शतं विहाय भोक्तव्यं सहस्रं स्नानमाचरेत्।*
*लक्षं विहाय दातव्यं कोटिं त्यक्त्वा हरिं भजेत्।।*
सौ कार्य को छोड़कर भोजन करना चाहिए।
हजारों कार्य को छोड़कर स्नान करना चाहिए।
लाखों कार्य को छोड़कर दान देना चाहिए।
औरकरोड़ों कार्य को छोड़कर परमात्मा की
स्तुति करनी चाहिए।
*लक्षं विहाय दातव्यं कोटिं त्यक्त्वा हरिं भजेत्।।*
सौ कार्य को छोड़कर भोजन करना चाहिए।
हजारों कार्य को छोड़कर स्नान करना चाहिए।
लाखों कार्य को छोड़कर दान देना चाहिए।
औरकरोड़ों कार्य को छोड़कर परमात्मा की
स्तुति करनी चाहिए।